दिसंबर में बर्फ देखने कहाँ जाएँ? औली से गुलमर्ग तक के टॉप स्नो डेस्टिनेशन
दुनिया का अपना हिस्सा तब सबसे खूबसूरत लगता है जब पहली बारीक बर्फ की परत धरती को ढाँक लेती है। भारत में दिसंबर का महीना उन यात्रियों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं — जो बर्फीले नजारों, स्कीइंग और पहाड़ों की ठंडी ताजी हवा का अनुभव करना चाहते हैं। इस लेख में औली से लेकर गुलमर्ग तक के सबसे भरोसेमंद, लोकप्रिय और दर्शनीय टॉप स्नो डेस्टिनेशन को कवर किया गया है – साथ में ट्रैवल-टिप्स, क्या-क्या करें और कब जाएँ कि आपको बेहतर हिमपात का अनुभव मिल सके।
In this Blog
दिसंबर में हिमपात क्यों चुनें?
दिसंबर में हिमपात के कई फायदे हैं: बर्फ का रंग-रूप ताजा होता है, भीड़ (peak season) कुछ जगहों पर नियंत्रित रहती है, और यदि आप स्कीइंग या स्नो-ट्रेकिंग का अनुभव चाहते हैं तो यह सही समय होता है। हालांकि, मौसम और बर्फ की स्थिति साल-दर-साल बदल सकती है — इसलिए यात्रा से पहले ताज़ा मौसम अपडेट और लोकल सूचना ज़रूर चेक करें।
1) गुलमर्ग (Gulmarg) – कश्मीर की सबसे बड़ी बर्फीली कॉलिंग

क्यों जाएँ: गुलमर्ग भारत का प्रमुख विंटर-स्पोर्ट्स हब है — यहाँ गोंडोला (cable car), स्कीइंग और बर्फीले मैदान मिलते हैं। दिसंबर के आरंभ से ही गुलमर्ग में बर्फ गिरना शुरू हो जाता है और जनवरी में सबसे भारी हिमपात देखने को मिलता है, पर दायरे के हिसाब से दिसंबर में भी बर्फीला अनुभव बढ़िया रहता है। गुलमर्ग स्नो ट्रिप / गुलमार्ग स्नो ट्रिप जैसे पैकेज यहीं लोकप्रिय हैं।
क्या करें: गोंडोला चढ़ें , पाउडर-स्कीइंग, स्थानीय कैफे में गरम चाय और कश्मीरी कहानियाँ।
टिप: यदि आपका लक्ष्य पाउडर-स्कीइंग है तो लोकल गाइड के साथ जाएँ और मौसम के अनुसार डेली रोलिंग (slope) स्टेटस जांचें।
दिलचस्पी के लिए: गुलमर्ग में स्की-सलून और कुछ हाई-एंड रिसॉर्ट्स होते हैं — दिसंबर के अंत तक बुकिंग पहले से कर लें।
2) औली (Auli), उत्तराखंड — स्कीइंग और पीक व्यू
क्यों जाएँ: औली भारत के ऐसे कुछ स्थलों में है जहाँ स्कीइंग और प्रैक्टिकल कोर्स उपलब्ध हैं। बड़ी बात यह है कि औली में दिसंबर में स्की-सीजन का आरम्भ होता है और लेट-डिसेंबर से जनवरी तक स्कीइंग कंडीशन्स सबसे बेहतर माने जाते हैं। औली स्कीइंग गाइड के सहारे शुरुआती और मध्यम स्कीयर दोनों के लिए रास्ते खुले रहते हैं।
क्या करें: Auli की चढ़ाई पर स्थित स्लोप्स पर स्कीइंग, रोपवे का आनंद, और एनंद लें नंदादेवी रेंज के विस्तृत व्यू का। शुरुआती लोग स्की-लैसन्स लें — कई संस्थान बुनियादी ट्रेनिंग देते हैं।
टिप: औली के लिए मौसम अनिश्चित हो सकता है — देर तक जाने पर भारी बर्फबारी के कारण मार्ग बंद होने की संभावना रहती है। इसलिए रोड-कंडीशन और लोकल ट्रैवल अपडेट चेक करें।
3) चोपटा (Chopta) और तुंगनाथ (Tungnath) — शांत स्नो-वॉक और तारे देखने की शाम

क्यों जाएँ: चोपटा अपने खूबसूरत मैदानों और तुंगनाथ मंदिर ट्रेक के लिए जाना जाता है। दिसंबर में चोपटा-तुंगनाथ रूट पर बर्फबारी अक्सर शुरु हो चुकी होती है और सफ़ेद परतें ट्रेक को भव्य बना देती हैं। यदि आप चोपटा तारे पाहणे जैसा अनुभव ढूंढ रहे हैं — यानी पहाड़ों पर रात में तारों को निहारना — तो सर्द, साफ रातें बेहतरीन दृश्य देती हैं।
क्या करें: छोटा-मझला ट्रेक, बर्फ में फोटोशूट, रात को तारों का अवलोकन।
सावधानी: ट्रेकिंग कंडीशन कठोर होगी—अच्छी बूट, वाटरप्रूफ जैकेट और लोकल गाइड साथ रखें।
4) मनाली और सोलांग वैली (Manali & Solang Valley) — आराम और साहसिक खेल
क्यों जाएँ: हिमाचल का मनाली और पास की सोलांग वैली दिसंबर में बर्फ से ढक जाती है। सोलांग मेंपाउडर-स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग (मौसम अनुमति हो तो), स्नो-राइडिंग आदि उपलब्ध होते हैं। हिमाचली परिदृश्य और मैदानी इलाकों का मेल अनुभव में नया आयाम जोड़ता है।
क्या करें: रोपवे, स्नो-ट्यूबिंग, सला-गावों की लोकल शॉपिंग और मनाली के आसपास स्नो-वॉक।
टिप: रोहतांग पास कुछ दिनों के लिए बंद हो सकता है—यात्रा प्लान करते समय अल्टरनेट रूट्स रखें।
5) पहलगाम (Pahalgam) — घाटियों में बर्फ और शांत ठंड
क्यों जाएँ: पहलगाम मे दिसंबर में ठंडी और बर्फ रहती है, झेरो नदी किनारे चलना और बर्फ में बैठकर चाय पीना अलग ही संतोष देता है। ट्रेकिंग-रूट और लॉन्ग-वॉक के लिए यह जगह उपयुक्त है।
क्या करें: ब्रेन-ट्रेक्स, लीडोव घाटी में सैर, और लोकल कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद।
सावधानी: ऊँचाई और ठंड—दोनों का ध्यान रखें।
6) कुफरी (Kufri), हिमाचल प्रदेश — शीघ्र हिमपात देखने के लिए

क्यों जाएँ: कुफरी में दिसंबर से बर्फ गिरना सामान्य है और यह शिमला से क़रीब होने के कारण शहरी यात्रियों के लिए कॉम्पैक्ट सर्द-यात्रा का विकल्प है। यहां छोटे-छोटे स्नो-स्पोर्ट्स और आसानी से पहुंचने वाली वीकेंड-ट्रिप्स मिल जाती हैं।
क्या करें: हॉर्स-राइडिंग (बर्फ में), छोटे-स्कीइंग सेशंस, शिमला-कुफ़री के करीब-करीब कैफ़े।
7) सोनमर्ग (Sonmarg) – गोल्डन मीडोज़ का सफेद रूप
क्यों जाएँ:
सोनमर्ग, कश्मीर का एक अनोखा हिम-स्थल है जिसे “गोल्डन मीडोज़” कहा जाता है। दिसंबर में यहां की घाटियाँ सफेद कालीन जैसी दिखती हैं – नदियाँ किनारों पर जमने लगती हैं और ऊँची चोटियाँ धूप में चमकती हैं। भीड़ अपेक्षाकृत कम होती है, इसलिए परिवारों और कपल्स के लिए शांत स्नो-व्यू लेने का मौका मिलता है।
क्या करें:
- थाजिवस ग्लेशियर दिशा में स्नो-वॉक (मौसम के अनुसार लोकल गाइड के साथ)
- बर्फ में स्लेज-राइड
- नदी किनारे स्नो-फ़ोटो और छोटे स्नो-हाइक
- स्थानीय कश्मीरी भोजन का स्वाद — विशेषकर हरीसा, काहवा
- अगर आकाश साफ़ हो तो शाम को घाटियों में धूप-छांव का नज़ारा बेहद सुंदर लगता है
8) स्पीति (Spiti) — चुनौतीपूर्ण, पर अद्भुत सफेद मरुस्थल
क्यों जाएँ:
स्पीति भारत के सबसे रोमांचक और अनोखे हाई-एल्टीट्यूड क्षेत्रों में से एक है। दिसंबर में यहाँ का परिदृश्य बिल्कुल बदल जाता है — बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ, जमी हुई नदियाँ, और “विंटर-स्पीति” की लगभग-निर्जन शांति।
यह उन यात्रियों के लिए है जो असली हिमालयी जंगली प्रकृति और कठोर सर्दी का सामना करने में सक्षम हैं।
यहाँ की सड़कों पर बर्फ जमा रहने के कारण यात्रा कठिन हो सकती है, लेकिन अनुभव अविस्मरणीय होता है।
क्या करें:
- की-गाँव, किब्बर और ल्हालुंग जैसे गांवों में बर्फीली सैर
- की मठ (Key Monastery) में शांत सुबह का दर्शन
- स्नो-लेपर्ड ट्रैकिंग (केवल अनुभवी और प्रमाणित लोकल गाइड के साथ)
- स्थानीय स्पीति भोजन — खासकर ठंड में गर्म सूप और तिब्बती व्यंजन
- यदि मौसम अनुमति दे तो फोटोग्राफी — स्पीति का सफेद मरुस्थल दिसंबर में शानदार पैनोरमा देता है
नोट: दिसंबर के दौरान स्पीति यात्रा केवल अच्छी तैयारी, 4×4 वाहन, सही गियर और सरकारी/लोकल अपडेट के साथ ही अनुशंसित है।
हिमपात अनुभव दिसंबर / हिमवृष्टी अनुभव डिसेंबर — (कहाँ और कैसे मिले वास्तविक हिमपात अनुभव)
हिमपात अनुभव दिसंबर और हिमवृष्टी अनुभव डिसेंबर – चाहने वालों के लिए उत्तरी भारत के हाई-अल्टीट्यूड स्थलों (गुलमर्ग, औली, सोलंग, तुंगनाथ/चोपटा इत्यादि) सबसे भरोसेमंद विकल्प हैं। परन्तु प्राकृतिक होने के कारण बर्फ कभी-कभी लेट भी हो सकती है- इसलिए फ्लेक्सिबिलिटी रखें और लोकल मौसम रिपोर्ट देखें।
कहाँ ठहरें
क्रिस्टल क्रीक – गुलमर्ग



अमानत – पहलगाम



कासा बेला विस्टा – मनाली



दाफी – शिमला



गाश कॉटेज – सोनमर्ग



तैयारी और पैकिंग-लिस्ट
- थर्मल वियर (ऊपर-नीचे) — कम से कम 2 सेट।
- अच्छा, वाटरप्रूफ जैकेट और लोअर (हाइट-विंडप्रूफ)।
- वाटरप्रूफ बूट्स (ग्रिप वाले)।
- मोज़े, ग्लव्स, बालकनी-हैट और नेक-वॉर्मर।
- सनस्क्रीन और लिप बाम (ठंड में भी सूर्य की धूप तेज रहती है)।
- प्राथमिक सहायता किट और लोकल इमरजेंसी नंबर।
- यदि स्कीइंग करनी है तो बेस-लेयर और उपयुक्त गियर; शुरुआती हेतु लोकल स्की-स्कूल बुक करें।
सुरक्षा और व्यवहारिक टिप्स
- ऊँचे इलाकों में अक्ल से यात्रा करें — हाइपोथर्मिया और हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस का ध्यान रखें।
- लोकल गाइड को प्राथमिकता दें, विशेषकर ट्रेक्स और ऑफ-पिस्ट स्कीइंग के लिए।
- रोड-कंडीशन और मौसम अपडेट रोज चेक करें; भारी हिमपात पर मार्ग बंद हो सकते हैं।
- पर्यावरण का सम्मान करें — बर्फ पर कचरा न छोड़ें, आग जलाते समय सावधानी रखें।
बेस्ट-टाइमिंग और बुकिंग सलाह
- बेस्ट स्नो: आम तौर पर दिसंबर के मध्य से लेकर जनवरी-फ़रवरी तक सबसे भरोसेमंद समय माना जाता है — पर स्थानानुसार अंतर होता है। औली में लेट-दिसेंबर से जनवरी तक स्की कंडीशन्स बेहतर होते हैं, जबकि गुलमर्ग दिसंबर के आरम्भ से ही बर्फीला हो सकता है पर भारी बर्फ जनवरी में ज्यादा। इसलिए यात्रा की तारीखें तय करते समय लोकल मौसम इतिहास देखें और बुकिंग अग्रिम रखें।
अंतिम सुझाव – कैसे चुनें सही डेस्टिनेशन?
- स्कीइंग चाहते हैं? → औली, गुलमर्ग या सोलंग चुनें।
- आराम और शांत माहौल → पहलगाम, सोनमर्ग।
- चोटी-पर्वत अनुभव व तारे निहारना → चोपटा-तुंगनाथ (विशेषकर चोपटा तारे पाहणे वाक्यांश जो तारों के लिए लोकल अनुभव बताता है)।
- किफायती, आसान वीकेंड-ट्रिप → कुफरी/शिमला।
किस तरह का बर्फीली ट्रिप चुनें?
यदि लक्ष्य सिर्फ बर्फ देखना और हिमपात अनुभव दिसंबर / हिमवृष्टी अनुभव डिसेंबर के तौर पर लेना है, तो औली और गुलमर्ग दोनों बेहतरीन विकल्प हैं—एक जहां स्कीइंग का केनवास मिलता है, वहीं दूसरा जहाँ विंटर-स्पोर्ट्स और कश्मीर की घाटियों की सादगी मिलती है। परिवार या अकेले ट्रैवलर हर किसी के लिए विकल्प मौजूद हैं: गुलमर्ग स्नो ट्रिप / गुलमार्ग स्नो ट्रिप उन लोगों के लिए फेवरेट है जो कश्मीर की बर्फीली वादियों का पूरा आनन्द लेना चाहते हैं; वहीं औली स्कीइंग गाइड वाले पैकेज शुरुआती स्कीयर्स के लिए मुफीद हैं। चोपटा-तुंगनाथ की रातें चोपटा तारे पाहणे के शौकीनों के लिए यादगार बन जाती हैं — और कुल मिलाकर, यह मौसम किसी भी ट्रैवर-दिल को गर्म-गरम यादों से भर देता है।
Banner Image Credit: Amit Shaw via Unsplash
