गुजरात का सफेद चमत्कार: रन ऑफ कच्छ की पूरी यात्रा गाइड
गुजरात के कच्छ जिले में स्थित रन ऑफ कच्छ विश्व का सबसे बड़ा नमक मरुस्थल है। हिंदुस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास फैला यह सफेद भंडार वर्षा ऋतु में पानी से भर जाता है और मानो विशाल झील में तब्दील हो जाता है। सूखी ऋतु में यहाँ की विशाल नमक की चादर सूरज की रोशनी में चाँदी की तरह दमक उठती है।
साल के अंत में इस अजूबे का जश्न मनाने के लिए आयोजित rann of kutch festival, जिसे गुजरात के कच्छ का रण उत्सव का नाम भी कहा जाता है, चार महीने तक चलता है। इसमें कच्छ की समृद्ध लोककला, संस्कृति और जीवनशैली का उत्सव मनाया जाता है। यही रन ऑफ कच्छ festival भारत के सबसे लोकप्रिय सांस्कृतिक आयोजनों में से एक बन चुका है।
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कच्छ का रण कहाँ स्थित है
यह गुजरात राज्य के उत्तर-पश्चिमी छोर पर, पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। भौगोलिक रूप से यह एक विशाल नमक का दलदली मैदान है, जो अरब सागर से लेकर सिंध के इलाकों तक फैला हुआ है। रन ऑफ कच्छ distance अहमदाबाद से लगभग 400 किलोमीटर और भुज से करीब 80 किलोमीटर है। मुंबई से ट्रेन द्वारा आने पर mumbai to kutch distance by train लगभग 900 किलोमीटर के आसपास पड़ता है, जिसे रेल से करीब 16–18 घंटे में तय किया जा सकता है।
रन उत्सव क्या है

2001 के भीषण भूकंप के बाद कच्छ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा दिया गया। इसी प्रयास में गुजरात सरकार ने 2004 में पहली बार कच्छ का रण उत्सव कहां मनाया जाता है — इस प्रश्न का उत्तर है: ढोड़ो गाँव, भुज के पास।
यहीं से शुरू हुआ कच्छ रण उत्सव 2025 जैसे भव्य आयोजनों का सिलसिला।
इस उत्सव में ढोड़ो गाँव (भुज से करीब 80 किमी) के पास टेंट सिटी बनाकर जनजातीय संगीत-नृत्य, लोकउद्योग मेलों, जगभर के कच्छी व्यंजनों और साहसिक गतिविधियों का आनंद लिया जाता है। rann of kutch festival के दौरान शांत कच्छ मैदान भीड़-भाड़ और रंगीनी से भर उठता है।
यात्रा का सर्वोत्तम समय
सर्दियाँ (अक्टूबर से फरवरी) रन ऑफ कच्छ की यात्रा के लिए सबसे अनुकूल मानी जाती हैं। इस दौरान तापमान सुहावना होता है और कच्छ रण उत्सव 2025 का आयोजन भी इसी मौसम में होता है, जिससे वातावरण और भी जीवंत हो जाता है।
पूर्णिमा की रात को यहाँ का विशाल सफेद मैदान चाँदी की तरह दमकने लगता है, जो अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है। सूर्यास्त के समय नारंगी-लाल आकाश में सूरज डूबते दिखने का नज़ारा युगल और परिवार के लिए यादगार अनुभव होता है। दिसंबर और जनवरी के महीने यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
गर्मियाँ (मार्च–जून) में यहाँ का तापमान 40–45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, इसलिए इस समय भ्रमण की सलाह नहीं दी जाती।
मानसून (जुलाई–सितंबर) में कच्छ हरा-भरा हो जाता है और पक्षी प्रेमी के लिए यह समय सर्वोत्तम है, लेकिन बारिश के कारण रेतक्षेत्र का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाता है।
इस दौरान पर्यटकों की भीड़ कम रहने के चलते ठहरने का खर्च भी कम होता है।
कैसे पहुंचे
रन ऑफ कच्छ पहुँचने के लिए सबसे पहले भुज जाना होता है, जो कच्छ का मुख्य शहर है।
हवाई मार्ग से भुज एयरपोर्ट (लगभग 80 किमी दूर) उपलब्ध है। अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों से भुज के लिए नियमित विमान सेवाएं हैं।
ट्रेन से भी भुज पहुंचना आसान है। भुज रेलवे स्टेशन अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से अहमदाबाद से करीब 400 किमी और सूरत से करीब 700 किमी की दूरी पर स्थित है।
शहर से ढोड़ो (रन उत्सव स्थल) की दूरी लगभग 80 किमी है, जिसे टैक्सी या बस से तय किया जा सकता है।
यदि आप मुंबई से यात्रा कर रहे हैं, तो mumbai to kutch distance by train लगभग 900 किमी है — जो रेल मार्ग से एक शानदार अनुभव बन सकता है।
कहां ठहरें
देजर्ट पाम्स:



ढोड़ो के पास बना यह विशाल फार्मस्टे 65 एकड़ के बाग़-बगीचों से घिरा है। इसमें प्राइवेट पूल, जिम और हरे-भरे लॉन जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं, साथ ही पारंपरिक कच्छी आतिथ्य का भी अनुभव होता है।
StayVista के अन्य होमस्टे विकल्प भी निजी अनुभव के लिए उपलब्ध हैं, जो rann of kutch festival के दौरान ठहरने के लिए आदर्श हैं।
घूमने के मुख्य आकर्षण

सूर्योदय एवं सूर्यास्त का दृश्य:
रन की सपाट नमकभूमि पर सूरज के उगने-डूबने का नज़ारा लुभावना होता है। रात की ओर ढलता सूरज अपनी लालिमा से क्षितिज को भव्य रंगों से भर देता है।
स्थानीय बाजार और मेले:
कच्छ के हस्तशिल्प के लिए गांधी-नू-गाम बाजार बहुत प्रसिद्ध है। यहां कढ़ाई वाले कपड़े, रोचन-कढ़ाई, लकड़ी के नक्काशदार सामान, राजस्थानी राजमणि के बरिस्तान और पारंपरिक गहने मिलते हैं। इसके पास ही खेताबेन जैसे शिल्पकारों के स्टॉल हैं, जहां उनके हस्तनिर्मित कलाकृतियां मिलती हैं।
राबाड़ी समुदाय का जीवन:
रबाड़ी क्षेत्र की पारंपरिक हस्तकला के गहने देखने लायक हैं। यहां की महिलाएं भारी बड़े-नथ-झुमके पहनती हैं, जिन्हें जंजीर की सहायता से बाँधा जाता है। उनकी बनाई घूंघट-नुमा कढ़ाई और गहने भी खरीदे जा सकते हैं।
ऊँट सफारी और पैराग्लाइडिंग:
यहाँ की रेतबाली पर ऊँट की सवारी या पैराग्लाइडिंग का अनुभव अनोखा है। विशेषकर पूर्णिमा की रात को चांदनी में ऊँट सवारी करने से चमचमाते मैदान का रोमांचक नजारा मिलता है।
rann of kutch festival के दौरान ये गतिविधियाँ सबसे अधिक लोकप्रिय होती हैं।
नखीत्राणा पक्षी अभयारण्य:
भुज के पास स्थित नखीत्राणा अभयारण्य में जानवर-पक्षी विशेष रूप से नीलगाय, खरबूजे और दर्जनों प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं। यह पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक उत्कृष्ट स्थल है।
कालो दुंगर का नज़ारा:
कच्छ की सबसे ऊँची चोटी कालो दुंगर (ब्लैक हिल) से रन ऑफ कच्छ का बेजोड़ दृश्य दिखता है। इस पहाड़ी से आप अनंत फैला सफेद मैदान और दूर क्षितिज को एक साथ देख सकते हैं।
यहाँ से पाकिस्तान का भू-भाग भी दिखाई देता है। दिन में सूर्योदय या सूर्यास्त के समय चढ़कर उतरना बेहद रोमांचक अनुभव होता है।
आसपास के अन्य आकर्षण
भुज शहर:
कच्छ की सांस्कृतिक राजधानी भुज ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहां ऐना महल, प्रग महल और कच्छ संग्रहालय जैसे दर्शनीय स्थल हैं। राजसी इमारतें और संग्रहालय कच्छ की विरासत से रु-ब-रु कराते हैं।
मांडवी बीच:
भुज से लगभग 60 किमी दूर स्थित मांडवी समुद्र तट साफ़-सुथरा और शांत है। यहां की मोती जैसी सफेद रेत और सुंदर सूर्यास्त इसे पसंदीदा स्थान बनाते हैं।
धोलावीरा:
यह प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है, जहां पुरातत्ववेत्ता हर साल खुदाई करते हैं। इतिहास प्रेमियों के लिए धोलावीरा एक रोचक यात्रा अनुभव है।
खरीदारी और स्थानीय शिल्प
कच्छ की यात्रा पर उसके हस्तशिल्प वस्त्र और सजावट के लिए करना भी जरूरी है। यहां के बाज़ारों में बांधनी, कांजीवरम, मिरर वर्क वाली सारी, कढ़ाई वाले सूट, दस्तकारी कंबल और चमड़े के बने विभिन्न सामान मिलते हैं।
गांधी-नू-गाम बाजार में लकड़ी और मिट्टी के बर्तन, तस्वीरों की खंजरियाँ और रंगीन रोगन चित्रण कला भी उपलब्ध है।
रबाड़ी समुदाय के घरों से खरीदे गए अपने हाथ से बने गहने यादगार स्मृति बन जाते हैं। आप खेताबेन या हिरायबेन जैसे स्थानीय कलाकारों की कलाकृतियां सीधे उनका घर जाकर भी खरीद सकते हैं।
स्थानीय भोजन
कच्छी भोजन गुजरात की पारंपरिक थाली जैसा होता है, जिसमें पूरी तरह शाकाहारी व्यंजन परोसे जाते हैं।
रन ऑफ कच्छ festival के दौरान सर्व होने वाला भोजन बाजरे की गरमा-गरम रोटली के साथ ताजा घी और लहसुन-चटनी के साथ परोसा जाता है।
लोकप्रिय व्यंजनों में ढोकला, फाफड़ा, खांडवी, खिचड़ी-कढ़ी, और सब्ज़ियों की उंधियु शामिल हैं।
ठंडी रातों में पोषक बाजरा रोटला खासकर मज़ेदार लगता है। मिठाई में यहाँ मूंग दाल हलवा या लप्सी जैसे मीठे पकवान उत्कृष्ट स्वाद देते हैं।
यात्रा के सुझाव
अग्रिम बुकिंग करें:
कच्छ रण उत्सव 2025 अत्यधिक लोकप्रिय होता है, इसलिए होटलों और टेंट कैम्पों को पहले से रिज़र्व कर लें।
गर्म कपड़े साथ रखें:
रात में मरुस्थलीय क्षेत्र में ठंड बहुत बढ़ जाती है। खासकर दिसंबर–जनवरी की रातें काफी सर्द होती हैं।
स्थानीय रीति-रिवाजों का सम्मान करें:
कच्छ की संस्कृति मेहमाननवाज़ी और सहिष्णुता की है। अतः मंदिर, झोपड़ी या घर में जाते समय विनयपूर्वक व्यवहार करें।
पर्यावरण की रक्षा करें:
कच्छ का रण कहाँ स्थित है — यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है। इसलिए कूड़ा-कर्कट न फैलाएं और प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित रखें।
इन सब तैयारियों के साथ चलें तो गुजरात के रन ऑफ कच्छ की यात्रा हर मौसम में आनंददायक होगी। उसकी अनूठी सफेद वादियाँ, रंगीन उत्सव और साहसिक गतिविधियाँ आपके मन-मस्तिष्क को चकित कर देंगी।
Banner Image Credit: Rann Utsav The Tent City via Unsplash
